नई दिल्ली, मार्च 24 -- नई दिल्ली, वरिष्ठ संवाददाता। बेहतर योजना न होने की वजह से न सिर्फ दिल्ली परिवहन निगम को घाटा झेलना पड़ा, बल्कि आधी दिल्ली में लोगों को बस सेवाओं की सुविधा भी नहीं मिली। सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की डीटीसी पर वर्ष 2015 से 2022 तक के आंकड़ों पर पेश रिपोर्ट में इसका जिक्र किया गया है। विधानसभा में सोमवार को पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक डीटीसी की ओर से तय 814 रूटों में से बसों का परिचालन सिर्फ 468 रूटों पर ही किया गया। यानी दिल्ली के 346 (43 प्रतिशत) रूटों पर बसों का संचालन ही नहीं किया गया। इससे राजस्व में कमी आई। इसके अलावा लो-फ्लोर बसों का माइलेज निर्धारित मानकों से कम रहने, बसों में आग लगने की घटनाओं से और बिना काम किए भुगतान किए जाने से भी डीटीसी का घाटा साल दर साल बढ़ता गया। डीटीसी का सालाना घाटा 2015-1...
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