नई दिल्ली। हेमलता कौशिक, अगस्त 17 -- दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित दहेज उत्पीड़न के मामले में एक बेहद अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने मृतक विवाहित महिला के पिता की याचिका खारिज करते हुए उसके पति व ससुरालवालों को आरोपों से बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि महज पीड़िता के आंसुओं के आधार पर किसी विवाहिता की मौत को दहेज हत्या व क्रूरता नहीं कहा जा सकता। हाईकोर्ट ने इस मामले में मृतका के पति व उसके परिवार के सदस्यों को आरोपमुक्त किए जाने के निर्णय को बरकरार रखा है।मृतका के रोने के आधार पर अपराध साबित नहीं किया जा सकता जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने कहा कि मृतका के रोने की गवाही देकर किसी अपराध को साबित नहीं किया जा सकता। मृतका की बहन का बयान सीआरपीसी की धारा 161 के तहत दर्ज किया गया था। इसमें उसने कहा था कि होली के अवसर पर उसने ...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.