नई दिल्ली, जुलाई 13 -- केरल के दो स्कूलों में छात्रों द्वारा की गई गुरु पूजा की प्रथा का राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने बचाव किया है। उन्होंने कहा कि गुरुओं की पूजा करना, शिक्षकों के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करना भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। राज्यपाल का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन, वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) की सरकार ने राज्य के दो सीबीएसई स्कूलों में हाल ही में 'पद पूजा' (पैर धोने की रस्म) किए जाने की कड़ी आलोचना की है। राज्यपाल ने रविवार को बलरामपुरम में बालगोकुलम द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ''गुरु पूजा हमारी संस्कृति का हिस्सा है, जहां हम अपने गुरुओं के चरणों में पुष्प अर्पित करते हैं... लेकिन कुछ लोगों को इस पर आपत्ति है। मुझे समझ नहीं आता ...