लखनऊ, अगस्त 8 -- हिन्दुस्तान फालोअप कंपनियां केजीएमयू से कर रही मोटी कमाई डॉक्टरों की हिस्सेदारी की भी आशंका लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता। केजीएमयू में सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। करोड़ों रुपए के बजट के बावजूद अधिकारी पीपीपी मोड पर मरीजों की जांचें करा रहे हैं। इसमें निजी कंपनियां मोटी कमाई कर रही हैं। जबकि केजीएमयू बिजली का बिल से लेकर दूसरे संसाधनों के एवज में भुगतान कर रहा है। पीपीपी मोड पर मशीनों के संचालन में केजीएमयू के कई डॉक्टरों की हिस्सेदारी की भी आशंका जाहिर की जा रही है। केजीएमयू का सालाना बजट 1843.70 करोड़ रुपए है। केजीएमयू में सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, ईसीजी, लीथोट्रॉप्सी समेत दूसरी मशीनों का संचालन पीपीपी मोड पर किया जा रहा है। वहीं 150 से अधिक लैब टेक्नीशियन 20 से अधिक पैथोलॉजिस्ट के बावजूद पैथोलॉजी पीपीपी मोड ...