लखनऊ, अक्टूबर 10 -- -हर महीने करीब एक लाख रुपये ले रहे थे पगार लखनऊ, रजनीश रस्तोगी केजीएमयू में नॉन पीजी जूनियर रेजिडेंट (जेआर) अब डेढ़ साल से ज्यादा नौकरी नहीं कर पाएंगे। केजीएमयू प्रशासन ने चार साल से लगातार काम कर रहे नॉन पीजी जेआर पर शिकंजा कस दिया है। ऐसे रेजिडेंट डॉक्टरों को बाहर का रास्ता दिखाना शुरू कर दिया गया है। नई व्यवस्था पहली नवम्बर 2025 से लागू कर दी गई है। एक लाख रुपये ले रहे तनख्वाह केजीएमयू में मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए लगभग 1000 रेजिडेंट व 600 चिकित्साशिक्षक हैं। 150 एमबीबीएस व बीडीएस पास छात्रों को नॉन पीजी जेआर की पोस्ट पर तैनात किया जा रहा है। इन डॉक्टरों को हर महीने एक लाख रुपये से अधिक पगार दी जा रही है। 18 माह ही रहेगी तैनाती चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद क...