लखनऊ, जून 20 -- लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता। केजीएमयू में टेक्नीशियन बाबू का काम देख रहे हैं। शिकायत के बावजूद अफसर टेक्नीशियन को मूल विभाग में भेजने से कतरा रहे हैं। अफसरों की हीलाहवाली व टेक्नीशियन की मनमानी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीजों को जांच व इलाज की खातिर इंतजार करना पड़ रहा है। केजीएमयू की ओपीडी में प्रतिदिन सात से आठ हजार मरीज आ रहे हैं। 4000 से ज्यादा संस्थान में बेड हैं। मरीजों की सहूलियतों के लिए विभिन्न विभागों में लैब टेक्शीनियन, पीआरओ, रिक्येशनल थेरेपिस्ट, स्पीच थेरेपिस्ट, स्टोर कीपर, चौकीदार, माली समेत दूसरे पदों कर्मचारियों की भर्ती हुई। काफी कर्मचारियों की भर्ती मृतक आश्रित कोटे के तहत हुर्ह। लेकिन दर्जनों टेक्नीशियन मूल विभाग के काम को छोड़कर बाबूगिरी कर रहे हैं। कई विभागाध्यक्ष जिम्मेदार अधिकारियों को पत्...