नई दिल्ली, सितम्बर 16 -- आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी आवास आवंटित ना करने के मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई और उसके टालमटोल वाले रवैये की तीखी आलोचना की। अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार का व्यवहार 'सबके लिए मुफ्त' योजना जैसा है और वह खुद चुन-चुनकर यह तय नहीं कर सकती कि किसे घर मिलेगा। इसके साथ ही अदालत ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह सामान्य आवासीय पूल से आवासों के आवंटन से संबंधित नीति, वर्तमान प्रतीक्षा सूची और AAP सरकार द्वारा केजरीवाल के लिए मांगे गए एक बंगले के किसी और को आवंटन करने की तारीख का विवरण 18 सितंबर तक प्रस्तुत करने के लिए कहा है। यह पूरा घटनाक्रम उस वक्त सामने आया जब आम आदमी पार्टी के वकी...