नई दिल्ली, जून 2 -- नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने फार्मा कंपनियों की तरफ से डॉक्टरों को दी जो वाली मुफ्त सुविधाएं यानी उपहार दिए जाने को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए उनसे पिछले एक साल में मार्केटिंग पर किए गए खर्च का ब्यौरा मांगा है। सरकार के इस कदम से फार्मा उद्योग उलझन में पड़ गया है। फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा मांगे गए विवरण 31 जुलाई तक प्रस्तुत किए जाने हैं, ऐसा न करने पर दवा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केंद्र सरकार दवा कंपनियों की मार्केटिंग गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है, क्योंकि ऐसी खबरें आ रही हैं कि ये कंपनियां डॉक्टरों को कई तरह की मुफ्त सुविधाएं देना जारी रखे हुए हैं, जबकि अनैतिक मार्केटिंग प्रथाओं पर लगाम लगाने के लिए फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रेक्टिस के लिए यूनिफॉर्म कोड लागू होने जा रहा है। सरकार द्वारा सभी फार्मास्...