नई दिल्ली, जनवरी 29 -- नई दिल्ली। विशेष संवाददाता सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के प्रावधानों का उल्लंघन कर पत्नी को एक साथ 'तीन बार तलाक' कहकर संबंध विच्छेद करने वाले मुस्लिम पुरुषों के खिलाफ दर्ज मुकदमों की संख्या बताने को कहा है। शीर्ष अदालत ने केंद्र से इस बारे में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इस कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली 12 याचिकाओं पर विचार करते हुए यह आदेश दिया है। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम, 2019 के तहत तीन तलाक को अवैध और अपराध घोषित किया गया है। पीठ ने केंद्र से यह भी बताने के लिए कहा है कि दर्ज किए गए कुल मुकदमों में से कितने मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए जा च...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.