संभल, अप्रैल 15 -- चन्दौसी। सुदामा की मित्रता ने एक आदर्श समाज को मित्रता का संदेश दिया। सुदामा कृष्ण भक्त हैं, दरिद्र नहीं थे। जिसके पास राम नाम का धन है, वह दरिद्री नहीं हो सकता। यह सदविचार कथा व्यास ने श्रीमद भागवत कथा के दौरान व्यक्त किए। आवास विकास, पुष्प विहार अहिल्याबाई पार्कमें चल रही श्रीमद् भागवत कथा में कथाव्यास शिवशंकर भारद्वाज जी ने कहा कि भगवान कृष्ण के आठ विवाह हुए पहला रुक्मणी से दूसरा सत्यभामा से उसके बाद जामवंती से भद्रा से मित्रविनदा कालिन्दी से। भोमासुर नामक दैत्य ने संकल्प लिया कि जिस प्रकार कृष्ण ने अनेक स्त्रियों के साथ विवाह रचाया, वैसे ही वह भी बीस हजार कन्याओं के साथ विवाह करेगा। उसने 16 हजार एक सौ कन्याओं को कारागार मे बंद कर रखा था। कन्याओं ने भगवान से प्रार्थना कि प्रभु हमें इससे मुक्त कराओ। तब श्री कृष्ण ने भ...