मेरठ, सितम्बर 16 -- मेरठ। डालमपाड़ा स्थित श्री रामनवमी मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में सोमवार को अंतिम दिन कथा वाचक ने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाया। आचार्य प्रदीप नौटियाल ने सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष, शुकदेव विदाई प्रसंग सुनाते हुए कहा कि जब श्रीकृष्ण को पता चला उनके मित्र सुदामा आए हैं तो वह खुद भागे भागे उनसे मिलने आए। उन्होंने बताया कि आज भी द्वारिका में परंपरा है जो भी भक्त वहां दर्शन को जाएं तो एक मुट्ठी चावल दान जरूर देकर आएं। उन्होंने कहा कि मृत्यु के भय को दूर करने और आत्मा को शांति दिलाने के लिए भगवान का स्मरण और भागवत कथा श्रवण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भागवत कथा सुनने के बाद से राजा परीक्षित का मन सांसारिक मोह से हट गया और उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ। परीक्षित और शुकदेव की कथा सत्य के साधकों को ...