इटावा औरैया, नवम्बर 8 -- जसवंतनगर। ग्राम नगला रामसुंदर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। कथा वाचक सागर दास महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के दिव्य जन्म प्रसंग का अत्यंत मार्मिक वर्णन करते हुए श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। उन्होंने कंस के अत्याचार, देवकी-वसुदेव की पीड़ा तथा कारागार में हुए भगवान कृष्ण जन्म के अलौकिक दृश्य को इतनी सरल और प्रभावशाली शैली में प्रस्तुत किया कि पूरा कथा पंडाल जयकारों से गूंज उठा। सागर दास महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण का अवतार केवल अत्याचारों का अंत करने के लिए नहीं, बल्कि धर्म की पुनर्स्थापना और मानवता के कल्याण के लिए हुआ। उन्होंने बाल लीलाओं-माखन चोरी, ग्वाल-बालों संग क्रीड़ा, और यशोदा मैया के वात्सल्य भाव-का ऐसा जीवंत चित्रण किया कि उपस्थित श्रद्धालु भक्तिरस में सराबोर ह...