मुरादाबाद, अक्टूबर 11 -- क्षेत्र के ग्राम गोपीवाला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन शनिवार को धर्म, भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला। कथावाचक पंडित नरेश चंद्र शास्त्री ने भगवान श्रीकृष्ण के पावन जन्म से लेकर घनघोर वर्षा के बीच वासुदेव द्वारा यमुना पार कर शिशु स्वरूप कृष्ण को गोकुल पहुंचाने की दिव्य लीला का भावपूर्ण वर्णन किया। कथा में वासुदेव की गोद में बालकृष्ण का रूप आया और यमुना की गर्जना के बीच शेषनाग के छत्र का प्रसंग आया, पूरा पंडाल 'जय श्रीकृष्ण के उद्घोष से गूंज उठा। श्रद्धालु भक्ति में सराबोर होकर श्रीकृष्ण लीलाओं में खो गए। कथावाचक ने बालकृष्ण के जन्म की दिव्यता, मथुरा से गोकुल तक की यात्रा और भगवान की लीलाओं को आत्मा से जोड़ते हुए कहा कि यह केवल कथा नहीं, बल्कि आत्मा के परमात्मा से मिलने की यात्रा है। उन्हो...