समस्तीपुर, नवम्बर 23 -- सिंघिया। प्रखंड क्षेत्र के बंगरहट्टा गांव में रामायण सत्संग समिति के तत्वावधान में आयोजित संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन शनिवार की कथा में कथावाचक आचार्य करण अर्जुन जी महाराज ने भगवान कृष्ण और रुक्मिणी की विवाह प्रसंग की चर्चा की।कथावाचक ने बताया कि रुक्मिणी विदर्भ (महाराष्ट्र) के राजा भीष्मक की पुत्री थी। उनके पांच भाई थे जिनके नाम रुक्मी, दूसरे रुक्मरथ, तीसरे रुक्मबाहु, चौथे रुक्मकाश और पाँचवें रुक्ममाली थे। रुक्मिणी उनमें सबसे छोटी थीं। वह अत्यंत सुंदर थीं और भगवान नारायण की सच्ची भक्तों में से एक थी। जब उन्होंने देवश्री नारद मुनि से श्रीकृष्ण लीलाओं के बारे में सुना, तो वे कृष्ण पर मोहित हो गई और उनसे विवाह करना चाहने लगी। लेकिन उनके बड़े भाई रुक्मी बहुत महत्वाकांक्षी थे और उन्हें श्रीकृष्ण बिल्...