पलामू, फरवरी 20 -- मेदिनीनगर, प्रतिनिधि। नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग और जीएलए कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को कृष्णा सोवती की जन्म शताब्दी वर्ष मनाते हुए संगोष्ठी कर सोबती और स्त्री मुक्ति के प्रश्न पर चर्चा की गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सह कवि और आलोचक प्रो श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि सर्जक की आंख और हाथ में कलम हो तो उससे अधिक शक्तिशाली व्यक्ति कोई हो ही नहीं सकता। कृष्णा सोबती के रचना संसार को समझने के लिए स्त्री मुक्ति से अधिक मुक्त स्त्री की चिंता और चिंतन को समझना होगा। प्रो श्रीप्रकाश ने कहा कि बड़ा लेखक वही होता है जो अपने समय या समाज में हलचल पैदा करता है। कृष्णा सोबती का हर उपन्यास अपने समाज को आंदोलित करती है। कृष्णा सोबती अपने कथात्मक संसार के आलोचनात्मक संसार भी रचती हैं। विशिष्ट वक्ता के रूप में ...