लखनऊ, मार्च 20 -- - केजीएमयू नेत्र रोग विभाग ने शुरू की पहल - नेत्र लगवाने वालों से साझा किए अनुभव लखनऊ, संवाददाता। केजीएमयू में कृत्रिम नेत्र लगाने शुरू कर दिए गए हैं। कृत्रिम नेत्र से हादसे में आंख गंवा चुके लोगों में आत्मविश्वास बढ़ता है साथ ही सुंदरता भी आती है। यह भी है कि इस नेत्र से लोगों को दिखाई नहीं देगा। केजीएमयू में कृत्रिम नेत्र लगवाने वाले लोगों ने अपने अनुभव को साझा किया। केजीएमयू की वरिष्ठ ऑक्युलोप्लॉस्टिक सर्जन डॉ. अपजीत कौर ने बताया कि जिन लोगों ने किसी दुर्घटना, बीमारी या जन्मजात विकार के कारण अपनी आंख खो दी है। उनके लिए कृत्रिम नेत्र आशा की नई किरण है। इसका लोगों के जीवन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़ता है। आत्मविश्वास भी बढ़ता है। डॉक्टर ने बताया कि यह पॉलिमेथिल मैथाक्रिलेट का बना है। इसकी माप ली जाती है। सटीक माप लेने...