कन्नौज, मार्च 22 -- गुरसहायगंज। संवाददाता निराश्रित आवारा विचरण करने वाले गोवंश दिन भर निवाला तलाशने के लिए शहर की सड़कों व सार्वजनिक स्थानों पर विचरण करते हैं। यहां तक कि उन्हें कूड़े कचरे के ढेरों में भी मुंह मारना पड़ रहा है। आवारा निराश्रित गोवंश का आलम यह है कि शहर के आसपास खेतों से किसान उन्हें खदेड़ देते हैं। इसके बाद वह शहर के सार्वजनिक स्थलों पर सड़कों पर विचरण करते हैं। उन्हें भरपेट चारा न मिलने पर वह कूड़े कचरे के ढेरों में अपना निवाला तलाशते हैं। यहां तक की दुकानों के बाहर या सार्वजनिक स्थानों पर रखे डस्टबिन में भी मुंह मार कर वह अपना निवाला तलाशते हैं। ऐसे में तमाम गोवंश पॉलिथीन को भी चबा आ जाते हैं। सरकार के तमाम आदेशों के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी निराश्रित गोवंश को गो आश्रालयों में शरण न देकर आवारा विचरण की ओर अनदेखी बरत रह...
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