अमरोहा, अप्रैल 5 -- किशोरी को बालिग घोषित करने के लिए उसके कूट रचित शैक्षिक प्रमाण पत्र बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर दिए गए। मामले की जांच पड़ताल हुई तो पूरा भेद खुल गया। पता लगा कि जिस विद्यालय से अभिलेख जारी हुए, उसमें किशोरी कभी पढ़ी ही नहीं। इतना ही नहीं प्रमाण पत्र जारी करने वाली प्रधानाचार्या भी फर्जी निकली। दरोगा की तहरीर पर कथित प्रधानाचार्या समेत तीन लोगों पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस के मुताबिक बीती 28 जनवरी को थाना क्षेत्र के गांव निवासी 16 वर्षीया किशोरी थाने पर आई और बताया कि गत नौ जनवरी को वह अपने घर से मौसी के मकान पर थाना बिसरख क्षेत्र के गौतम बुद्ध नगर चली गई थी। वहां से वह बिना बताए थाने चली आई। कहा कि वह घर नहीं जाना चाहती है क्योंकि, मम्मी मुझे मारती पीटती है। किशोरी ने मां के साथ जाने से मन...
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