नई दिल्ली, दिसम्बर 7 -- सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अभय एस. ओका ने हाल ही में कहा कि भारत का संविधान कहता है कि प्रत्येक नागरिक को वैज्ञानिक सोच विकसित करना चाहिए, लेकिन इस देश में आज भी राजनीतिक दल और नेता धर्मों को खुश करने में लगे हैं। वे अंधविश्वासों के खिलाफ बोलने वालों का समर्थन करने के बजाय उन्हें निशाना बना रहे हैं। जस्टिस ओका नई दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में 16वें वी.एम. तारकुंडे मेमोरियल व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कुंभ मेले का जिक्र करते हुए पूछा कि कैसे प्रदूषित नदियां पवित्र रह सकती हैं। जस्टिस ओका ने जोर देकर कहा कि वैज्ञानिक सोच विकसित करना संविधान के अनुच्छेद 51ए(एच) के तहत एक मौलिक कर्तव्य है और इस कर्तव्य का पालन करने से धार्मिक स्वतंत्रता कमजोर नहीं होती है। उन्होंने कहा, "जब आप धर्मों य...