अररिया, अगस्त 18 -- कोसी की बदली धारा की तबाही से अब तक नहीं उबर पाए हैं लोग 18 अगस्त 2008 को टूटा था कुसहा बांध, 19 अगस्त की देर रात जिले में दी थी दस्तक फारबिसगंज, निज संवाददाता कुसहा त्रासदी... यह वह शब्द है जिसे सुनते ही अररिया, सुपौल और मधेपुरा के लोग आज भी सिहर उठते हैं। 18 अगस्त 2008 का वह काला दिन, जब नेपाल स्थित कोसी का कुसहा बांध टूटा और देखते ही देखते लाखों लोगों की जिंदगी तबाही के मंजर में बदल गई। बांध टूटने के 17 घंटे बाद यानी 19 अगस्त की देर रात तक तबाही ने अररिया जिले में दस्तक दे दी थी। उस रात लोग सिर्फ मौत और विनाश के साक्षी बने थे। तबाही का ऐसा मंजर जिसे लोग भूलना चाहते हैं, पर भूल नहीं पाते। अररिया जिले के पश्चिम इलाकों के लोग बताते हैं कि 17 साल गुजर जाने के बाद भी उस रात की चीखें, बेबसी और दर्द आज भी आंखों में तैर उठत...