प्रयागराज, जून 16 -- कुलभाष्कार आश्रम पीजी कॉलेज में सोमवार को 'विरासत से विकास : योग की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय परिचर्चा हुई। प्राचार्य गीतांजलि मौर्या ने कॉलेज में योग वाटिका विकसित करने की बात कही। डॉ. अर्चना शुक्ला ने कहा कि योग हमे स्वयं को जानने और निरोगी रखने में सहायक है। डॉ. अंशुमान ने स्वर योग के महत्व पर प्रकाश डाला। वंदना तिवारी ने कहा कि योग जीवन जीने की कला है। डॉ. रामजी मिश्र ने प्रतियोगी विद्यार्थियों की आंखों तथा उनके सर्वांगीण विकास व तनाव रहित जीवन के लिए विभिन्न आसनों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ. महेंद्र प्रजापति, मोनिका गुप्ता, प्रो. पवन पचौरी, डॉ. अनुराग त्रिपाठी, प्रो. चन्द्र शेखर चौबे, डॉ. शशिकांत त्रिपाठी, डॉ. आभा त्रिपाठी, प्रो. एसपी विश्वकर्मा, प्रो. आरपी तिवारी, प्रो. राम लखन पाल आदि मौजूद रहे।
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