गोरखपुर, नवम्बर 6 -- 50 से अधिक देशी प्रजातियों के लगभग 7000 पौधे लगाए गए गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने वन विभाग के सहयोग से दो हजार स्क्वायर मीटर में मियावाकी पद्धति पर आधारित घना वन विकसित किया है। इस मियावाकी वन का उद्घाटन गुरुवार को कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने सिंदूर का पौधा लगाकर किया। कुलपति ने बताया कि मियावाकी वन को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से विकसित किया गया है। मियावाकी पद्धति जापानी वन वैज्ञानिक अकीरा मियावाकी की ओर से विकसित की गई तकनीक है, जिसमें सीमित स्थान पर स्थानीय पेड़-पौधों को सघन रूप में लगाया जाता है। विश्वविद्यालय परिसर में तैयार इस वन में 50 से अधिक देशी प्रजातियों के लगभग 7000 पौधे लगाए गए हैं। इनमें बेल, सीताफल, कचनार, सिंदूर, पलाश, अमलतास, नीम, आम, जामुन, अर्जुन और...
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