बिजनौर, जून 7 -- कुर्बानी, पैगंबर इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है। जिसे अल्लाह ने मुसलमानों पर वाजिब कर दिया है। कुरान में बताया गया है कि इब्राहिम अलैहिस्सलाम को अल्लाह ने अपने प्यारे बेटे इस्माइल अलैहिस्सलाम को बलिदान करने का आदेश दिया था। अल्लाह के लिए एक जानवर की बलि देने की प्रथा है। हर साल ईद-उल-अजहा पर (10 से 12) जिल हिज्जा के दिन दुनिया भर के मुसलमान हज पूरा होने पर एक जानवर की कुर्बानी देते हैं। यह प्रथा हजारों साल पहले इब्राहिम अलैहिस्सलाम की याद दिलाती है। जो अल्लाह की खातिर अपने प्यारे बेटे की बलि देने के लिए तैयार थे। चाहशीरी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना वरीस अहमद ने बताया कि कुर्बानी केवल एक जानवर का वध और उसका मांस का वितरण करना नहीं हैं, बल्कि यह एक स्मारक अनुष्ठान से कहीं अधिक है। कुर्बानी शब्द अरबी शब्द कुर्बान से लिया ग...
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