प्रयागराज, फरवरी 17 -- प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग की ओर से महाकुम्भ का सांस्कृतिक महत्व विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी मेला क्षेत्र सेक्टर-7 स्थित सेवाग्य संस्थानम प्रांगण में हुई। मुख्य वक्ता प्रो. सच्चिदानंद मिश्र ने कुम्भ की वैश्विक महत्ता, धर्म, दर्शन एवं मानव एकता का केंद्र बिंदु होने पर प्रकाश डाला। उन्होंने कुम्भ में होने वाले तीर्थाटन को जीवन में सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्व का प्रतीक बताया। मुख्य अतिथि महाराज मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि यह केवल मेला नहीं है, बल्कि शक्ति, श्रद्धा और भक्ति का महापर्व है, जिसे जीवन के हर क्षण में आत्मसात करना चाहिए। उन्होंने कुंभ के ऐतिहासिक एवं पौराणिक पक्ष को भी विस्तार से समझाया। प्रो. गोपाल साहू ने अध्यक्षीय भाषण दिया।

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