नैनीताल, जुलाई 25 -- नैनीताल, संवाददाता। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने शोध प्रकाशनों की गुणवत्ता तय करने की दिशा में अहम पहल की है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से केयर सूची को समाप्त किए जाने के बाद अब विश्वविद्यालयों पर शोध गुणवत्ता की निगरानी की जिम्मेदारी अधिक बढ़ गई है। इसी संबंध में कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल ने कुलपति प्रो. दीवान एस रावत के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। यह समिति तय करेगी कि किन शोध पत्रिकाओं को प्रत्यक्ष नियुक्तियों एवं कॅरियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) के अंतर्गत पदोन्नति के लिए मान्यता दी जाए। कुलपति प्रो. रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय की अकादमिक साख और शोध संस्कृति को बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि केवल उच्च गुणवत्ता वाले, नैतिक और विषय-संगत शोध प्रकाशनों को ही मान्यता दी जाए। समिति में वि...
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