ललितपुर, नवम्बर 10 -- सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद आवारा कुत्तों और गोवंशों पर लगाम लगने की उम्मीद तो जाग गई लेकिन शहर की घनी आबादी के बीच संचालित तबेलों की बेदखली को लेकर चर्चा जोर पकड़ने लगी है। गंदगी के प्रमुख स्रोत तबेलों को तत्काल शहर से दूर भेजे जाने के शहरवासी पक्षधर हैं। शहरी क्षेत्र स्थित सिविल लाइन सहित विभिन्न मुहल्लों की घनी आबादी के बीच संचालित तबेले इनके नजदीक रहने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बने हुए हैं। इनके मवेशी न केवल गलियों में विचरण कर गंदगी फैलाते रहते हैं बल्कि घर के दरवाजों पर खड़े वाहनों को अपनी सींघ से नुकसान भी पहुंचाते हैं। इनके हमले में छोटे-छोटे बच्चे और बुजुर्ग आए दिन चुटहिल तथा घायल हो जाता करते हैं। खाली पड़ी जगहों और प्लाटों पर इन संचालकों ने गोबर के ढेर लगा दिए हैं। इनकी दुर्गंध के चलते नाक पर रुम...