नई दिल्ली, अगस्त 12 -- दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ़्तों के भीतर शेल्टर घरों में भेजने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर, पेटा इंडिया एडवोकेसी एसोसिएट, शौर्य अग्रवाल ने बयान दिया है। उन्होंने कहा, यह आदेश अव्यावहारिक है, इसमें लॉजिक नहीं है। इसके अलावा उन्होंने पशु जन्म नियंत्रण नियमों के हिसाब से इसे अवैध भी बताया है।कुत्तों को शेल्टर घरों में रखना प्रैक्टिकल नहीं शौर्य अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली सरकार के पास इन नसबंदी कार्यक्रमों और एबीसी नियमों को लागू करने के लिए 24 साल का समय था। दिल्ली में 10 लाख कुत्ते हैं और उनमें से केवल आधे की ही नसबंदी की गई है। इन कुत्तों को शेल्टर घरों में रखना प्रैक्टिकल नहीं है। यह बहुत मुश्किल है। इससे सिर्फ अराजकता और समस्याएँ पैदा होंगी। यह भी पढ़ें- क्या आपने 2014 से पहले कभी देखा है कि...; CM र...
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