मुजफ्फरपुर, अप्रैल 30 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। सदर अस्पताल से लेकर एसकेएमसीएच तक कुत्ता काटने से गंभीर रूप से जख्मी मरीजों को लगने वाला इंजेक्शन इम्यूनोग्लोबिन नहीं मिल रहा है। इम्यूनोग्लोबिन दवा का इंडेंट नहीं करने से यह अस्पतालों से गायब है। दवा नहीं होने से पूरे जिले से हर दिन 25 से 30 मरीज बिना इंजेक्शन लिए वापस हो रहे हैं। निजी अस्पतालों में इस दवा की कीमत आठ हजार रुपये तक है। सरकारी अस्पतालों में यह दवा मुफ्त में मिलती है। एसकेएमसीएच के पीएसएम विभाग के डॉ राम बाबू ने बताया कि जिस व्यक्ति को कुत्ते ने काटने के दौरान मांस निकाल लिया हो, उसे यह दवा दी जाती है। एसकेएमसीएच में हर महीने इम्यूनोग्लोबिन लेने वाले 250 मरीज पहुंचते हैं। हर महीने 3500 लोग हो रहे कुत्ता काटने के शिकार जिले में हर महीने 3500 लोग कुत्ता काटने के शिकार हो ...