विकास कुमार, अगस्त 1 -- कल तक राजनीतिक चर्चाओं में 'अनजान' औरंगाबाद जिले का कुटुंबा विधानसभा सीट अब बिहार की चुनावी राजनीति में 'खास' बन चुकी है। पिछले दो विधानसभा चुनावों में कुटुंबा का किला फतह करने वाले राजेश राम इस साल चुनाव के पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं। इस वजह से सभी की निगाहें इस सीट पर हैं। यहां के विधायक राजेश राम के सामने दोहरी चुनौती है। एक तरफ उन पर पूरे प्रदेश में अपनी पार्टी के प्रदर्शन को सुधारने का कार्यभार है तो दूसरी तरफ कुटुंबा में अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखते हुए हैट्रिक बनाना है। एनडीए इस सीट को हर हाल में हासिल करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। अनुसूचित जाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीट कुटुंबा 2008-09 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। इससे पहले यह सीट 1977 से देव विधानसभा क्षेत्र का हिस्स...
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