लखनऊ, अगस्त 12 -- कुंभ मेला 2019 के पुराने कूड़ों के निस्तारण का ठेका लेने वाली फर्म को बिना अनुबंध के निधि जारी किए जाने का खुलासा हुआ है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने इसे वित्तीय नियमों के प्रतिकूल बताया है। फर्म को ऋण के रूप में दिए गए 15 लाख रुपये वापस न लेने का भी राज्य मिशन निदेशक पर आरोप है। रिपोर्ट के अनुसार 15 जनवरी 2019 से चार मार्च 2019 तक कुंभ मेला का आयोजन हुआ था। इसमें निकले 10 हजार टन पुराने अपशिष्ट के निस्तारण के लिए मेसर्स हरी भरी रिसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड को अनुबंध किए बिना 95.28 लाख रुपये मई 2019 में जारी कर दिए गए। इसमें खाद की पैकिंग के लिए ऋण के रूप में फर्म को 15 लाख रुपये भी दिया गया था। इस मामले में राज्य सरकार ने मई 2020 में बताया था कि कुंभ मेला में निकले कूड़ा प्रसंस्करण के बाद 1345 मीट्रिक ...
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