लखीसराय, जून 3 -- कजरा, एक संवाददाता। जन्म कुंडली में किसी ग्रह के अशुभ स्थिति में होने पर जातक के जीवन में कई परेशानी खड़ी हो जाती है। जीवन में अस्थिरता बनी रहती है। कुंडली में मौजूद राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है। इनकी अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन में हलचल पैदा करती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जन्म कुंडली में इनकी छाया होने पर बनते हुए काम बिगड़ने लगते हैं। हालांकि कुछ अवसर में ये फलदायी होते हैं। आचार्य अशोक पांडेय के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु के बीच में अशुभ ग्रहों के आ जाने से कालसर्प दोष लगता है। जातक के जीवन पर इसका प्रभाव पड़ता है। अगर कुंडली में राहु कमजोर स्थिति मे है या विवाह घर में विराजमान होता है। तब शादी में देरी होने लगती है। कई बार रात को सोते हुए नींद टूट जाती है। ऐसे में व्यर्ति राहु दोष से ...