आगरा, जुलाई 29 -- कांवड़ यात्रा में आस्था का ऐसा अद्भुत स्वरूप शायद ही पहले देखा गया हो। भगवान शिव के प्रति अटूट भक्ति में डूबे कांवड़िए रामनरेश और अनिल नुकीली कीलों से जड़े पटके पर बार-बार दंडवत लेटकर और उठकर अपनी कठिन साधना भरी यात्रा कर रहे हैं। मंगलवार को कासगंज शहर से होकर गुजरते दोनों कांवड़ियों की इस कठिन यात्रा को देख हर कोई अचंभित था। कासगंज स्थित गोयती गांव के निवासी रामनरेश और अनिल ने बताया कि वे गौराष्ट बनाने और गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग को लेकर यह कठोर तपस्या कर रहे हैं। यह दंडवत कांवड़ यात्रा 24 जुलाई की सुबह पांच बजे कछला गंगा घाट से शुरू हुई थी। लगातार दंडवत करते हुए वे लगभग 55 किलोमीटर की दूरी तय कर चार अगस्त को ढोलना स्थित नारायणी श्याम देवता मंदिर पहुंचेंगे, जहां यह अनोखी कांवड़ भगवान शिव को अर्पित की जाएगी...