नई दिल्ली, अगस्त 9 -- दिल्ली का दिल कहे जाने वाले पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके का नाम सुनते ही किताबों की दुनिया, तंग गलियों की रौनक और मुगलकालीन इतिहास की तस्वीरें जेहन में उभरती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि इस इलाके का नाम 'दरियागंज' क्यों पड़ा, जबकि आज यहां कोई तालाब या नदी दिखाई नहीं देती? आइए, इस रोचक कहानी को तफ्सील से जानते हैं।कैसे नाम पड़ गया दरियागंज? दरियागंज का नाम दो शब्दों से मिलकर बना है- 'दरिया' यानी नदी और 'गंज' यानी बाजार। इसका सीधा मतलब है 'नदी के किनारे का बाजार'। यह नाम मुगल बादशाह शाहजहां के दौर से जुड़ा है, जब 17वीं सदी में शाहजहानाबाद (पुरानी दिल्ली) की नींव रखी गई। उस समय यमुना नदी इस इलाके के बेहद करीब बहती थी, और दरियागंज का क्षेत्र नदी के तट पर एक हलचल भरा व्यापारिक केंद्र था। यमुना के किनारे होने की वजह...
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