नई दिल्ली, अक्टूबर 16 -- दिल्ली की व्यस्त सड़कों और आधुनिक इमारतों के बीच कई इलाके ऐसे हैं, जिनके नाम सदियों पुरानी कहानियां बयां करते हैं। ऐसा ही एक नाम है 'महारानी बाग'। साउथ ईस्ट दिल्ली का यह पॉश इलाका न केवल अमीरों की पहली पसंद है, बल्कि इसका नाम 13वीं शताब्दी के सुल्तानी दौर की एक रोमांचक दास्तान से जुड़ा है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि आखिर इस इलाके का नाम महारानी बाग कैसे पड़ा? आइए बताते हैं।सुल्तान कैकुबाद का शीशों वाला महल और किलोकरी की शान महारानी बाग का इतिहास दिल्ली सल्तनत के दौर में लौटता है, जब 1287 से 1290 तक सुल्तान मुइजुद्दीन कैकुबाद ने यमुना नदी के किनारे किलोकरी में एक भव्य महल बनवाया। यह महल 'पैलेस ऑफ मिरर्स' के नाम से मशहूर था, जहां दीवारें दर्पणों से जड़ी हुई थीं और रात में चांदनी की रोशनी में चमकती थीं। कैकुबाद, जो गु...
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