नई दिल्ली, सितम्बर 13 -- दिल्ली के कमला नेहरू रिज पर स्थित फ्लैगस्टाफ टावर 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का एक ऐतिहासिक गवाह है, जहां अंग्रेजों ने विद्रोहियों से बचने के लिए शरण ली थी और यह टावर उस युद्ध और भय की कहानी बयां करता है। दिल्ली में कई ऐसी इमारतें हैं, जो आज भी इतिहास की यादें ताजा करती हैं। इन्हीं में से है दिल्ली का फ्लैगस्टाफ टावर। कमला नेहरू रिज पर खड़ा एक पुराना स्मारक, आज भले ही शांत खड़ा हो, लेकिन इसके पत्थर 1857 के उस तूफानी दौर की कहानी चीख-चीखकर सुनाते हैं। यह वही टावर है, जहां अंग्रेज अपनी जान बचाने के लिए छिपे थे, जब विद्रोह की आग ने दिल्ली को लपेट लिया था। बंदूकों की गूंज, डर से कांपते दिल और उम्मीद की एक बुझती-सी किरण यह टावर उस दौर का जीवंत इतिहास है। आज हम इसी फ्लैगटावर की कहानी बता रहे हैं।एक सिग्नल टावर का जन्म 1...