नई दिल्ली, सितम्बर 10 -- दिल्ली का चांदनी चौक, जहां आज गलियों में खरीदारों की भीड़ और दुकानों की चमक बिखरी रहती है, कभी एक ऐसी नहर का गवाह था, जिसकी खूबसूरती की तुलना वेनिस की नहरों से की जाती थी। आइए, ले चलें आपको उस दौर में, जब मुगलकालीन शाहजहानाबाद की यह नहर पुरानी दिल्ली की शान हुआ करती थी।शाहजहां की बेटी का सपना 17वीं सदी में, जब मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित किया, तो उनकी बेटी जहांआरा बेगम ने एक अनोखा सपना देखा। खरीदारी की शौकीन जहांआरा चाहती थीं कि दिल्ली में एक ऐसा बाजार हो, जो न केवल व्यापार का केंद्र बने, बल्कि उसकी सुंदरता लोगों को मंत्रमुग्ध कर दे। इसी सपने ने जन्म दिया चांदनी चौक को, जिसके बीचोंबीच बहती थी एक शाही नहर। इतिहासकार बताते हैं कि इस नहर का डिज़ाइन खुद जहांआरा ने तैयार किया था, औ...