वाराणसी, दिसम्बर 20 -- वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। इप्टा (भारतीय जन नाट्य संघ) की ओर से शनिवार को जगतगंज कोठी में आयोजित 'दास्तान-ए-अशफाक' किस्सागोई कार्यक्रम ने श्रोताओं को भावनात्मक रूप से बांधे रखा। शहजाद रिजवी एवं फरजाना मेंहदी ने काकोरी कांड की ऐतिहासिक दास्तान प्रस्तुत करते हुए क्रांतिकारी अशफाक उल्ला खान के जीवन, विचारों और बलिदान को प्रभावशाली अंदाज में रखा। किस्सागोई के दौरान अशफाक उल्ला खान के प्रसिद्ध कथन 'मेरा मकसद सिर्फ देश को आज़ाद कराना है' ने श्रोताओं को देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत कर दिया। वक्ताओं ने बताया कि काकोरी कांड भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक साहसिक अध्याय है, जिसमें अशफाक उल्ला खान का योगदान अविस्मरणीय है। वे राम प्रसाद बिस्मिल के घनिष्ठ मित्र और हिंदू-मुस्लिम एकता के सशक्त प्रतीक थे। 9 अगस्त 1925 को अंग्रेज...