रांची, अप्रैल 26 -- रांची, विशेष संवाददाता। झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा, मध्यस्थता किसी भी मामले को जल्द निपटाने का बड़ा हथियार है। इससे दोनों पक्षों के पैसे और समय की बचत होती है। जस्टिस प्रसाद झालसा द्वारा 40 घंटे के मध्यस्थता प्रशिक्षण शिविर में लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशिक्षण लेकर नए मध्यस्थ अपने कार्यों से न्यायालय में लंबित केस को कम करने में मदद करेंगे। सर्वोच्च न्यायालय एवं झारखंड हाईकोर्ट के तत्वावधान में झालसा समय-समय पर अधिवक्ता एवं विशेषज्ञों को मध्यस्थता का प्रशिक्षण दिलाता है। झारखंड के 24 जिलों से लगभग 68 प्रशिक्षुओं का तीन बैच में प्रशिक्षण कराया जाएगा। यह पांच मई तक चलेगा। मध्यस्थों की संख्या बढ़ने से झालसा की ओर से विभिन्न अभियानों के माध्यम से मामलों का निस्...