देहरादून, मार्च 7 -- देहरादून। वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) में सॉफ्टवेयर निर्माण में धांधली उजागर होने के बाद इस संबंध में शासन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत किसी भी संस्थान में इस प्रकार के सॉफ्टवेयर या ईआरपी विकसित किए जाने से सुपरविजन और पुनरीक्षण तकनीकी समिति का गठन किया जाना आवश्यक है। अन्यथा इस दशा में न तो सॉफ्टवेयर को स्वीकार किया जाएगा और न ही भुगतान की कार्रवाई हो पाएगी। सचिव तकनीकी शिक्षा डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने इस संबंध में विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत किसी भी सॉफ्टवेयर या ईआरपी विकसित करने से पहले वर्क फ्लो की स्वीकृति, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का सुपरविजन और अंतिम रूप से विकसित सॉफ्टवेयर का पुनरीक्षण करने के लिए तकनीकी समिति का गठन किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। शासन...