देहरादून, सितम्बर 18 -- लिंफोमा कैंसर को लेकर दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कैंसर रोग विभाग में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। किसी भी तरह की गांठ को नजरअंदाज नहीं करने एवं जांच करा इलाज कराने की सलाह दी गई। एचओडी प्रो. डॉ. दौलत सिंह ने कहा कि यह एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है और भारत में हर साल करीब 60 हजार नए मरीज लिंफोमा से पीड़ित पाए जाते हैं। जागरूकता की कमी और लक्षणों की देर से पहचान के कारण अधिकांश रोगी एडवांस स्टेज में पहुंच जाते हैं। अस्पताल में इलाज के लिए कीमोथेरेपी और टारगेटेड थेरेपी की सुविधाएं हैं। प्राचार्य डॉ. गीता जैन एवं एमएस डॉ. आरएस बिष्ट ने कहा कि लिंफोमा तेजी से बढ़ती समस्या है और समय पर पहचान ही इसका सबसे बड़ा बचाव है। कहा कि समय से लक्षण पहचानें, जीवन बचाएं इस साल की थीम रखी गई है। सहायक प्रोफेसर डॉ. पिंकी ने बत...