मुजफ्फरपुर, अगस्त 12 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। साल 2010 में नौकरी लगी थी और 2016 में काल के गाल ने लील लिया। 9 साल से किस तरह घर चला रही थी, यह ऊपर वाला ही जानता है। आज 9 साल बाद अनुकंपा की नौकरी लग रही है। विश्वास ही नहीं हो रहा कि अब जिन्दगी की गुजर थोड़ी सही तरीके से हो सकेगी। बालूघाट की राधिका की आवाज यह कहते हुए भर्रा गई। ऐसे एक नहीं बल्कि दर्जनों आश्रित हैं जिनपर अब विभाग की अनुकंपा हुई है। हालांकि 294 में 97 अभ्यर्थी ही काउंसिलिंग सूची में आ पाए हैं। अभी भी बड़ी संख्या में आश्रित इंतजार में हैं। इन आश्रितों के कागजात में अलग अलग गड़बड़ी के कारण अभी इन्हें काउंसिलिंग में शामिल नहीं किया गया है। किसी को 10 तो किसी को 15 साल बाद अनुकंपा की नौकरी मिल रही है। अनुकंपा नियुक्ति की काउंसिलिंग में अभ्यर्थियों के आंसू छलक उठे। जिला पर...