गंगापार, मार्च 28 -- रमज़ान के आखिरी जुमा अलविदा के मौके पर कस्बों और गांवों की विभिन्न मस्जिदों में अकीदतमंदों ने इबादत की और जुमे की नमाज अदा की। इस मौके पर उलेमा और इमामों ने तकरीर करते हुए रमज़ान की बरकतों और रहमतों का जिक्र किया। साथ ही, उन्होंने लोगों को यह ताकीद की कि किसी को तकलीफ न पहुंचाएं और समाज में भाईचारा व अमन-शांति बनाए रखें। मस्जिद हज़रत बेलाल, चकश्याम में जुमे की नमाज के दौरान इमाम मौलाना मोहम्मद आसिफ नदवी ने अपने बयान में कहा कि इस्लाम इंसानियत और भाईचारे का धर्म है। उन्होंने कहा, "हमारा फर्ज़ है कि हम एक-दूसरे के दुख-दर्द को समझें और किसी को तकलीफ न दें। रमज़ान हमें संयम, ईमानदारी और इंसाफ सिखाता है।" मौलाना ने लोगों से अपील की कि वे अपने जीवन को नेक कामों में खर्च करें और गरीबों, जरूरतमंदों की मदद करें। कई मस्जिदों मे...
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