नई दिल्ली, अक्टूबर 8 -- झारखंड के सारंडा वन क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने में हो रही देरी को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी नसीहत दी और कहा कि हम नहीं चाहते कि किसी अधिकारी को जेल भेजना पड़े। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को सात दिन के अंदर इससे जुड़ा निर्णय लेने के लिए भी कहा। अदालत ने यह बातें पश्चिमी सिंहभूम जिले के सारंडा और सासंगदाबुरु वन क्षेत्रों को क्रमशः वन्यजीव अभयारण्य और संरक्षण रिजर्व के रूप में अधिसूचित करने के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान कही। इससे पहले इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय को दिए अपने हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा था कि उसने वन्यजीव अभयारण्य के रूप में 31,468.25 हेक्टेयर जमीन के मूल प्रस्ताव के मुकाबले 57,519.41 हेक्टेयर क्षेत्र को अधिसूचित करने ...