पटना, दिसम्बर 12 -- मखाना के गुणवत्ता युक्त बीजों की आपूर्ति की जिम्मेदारी बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर और अन्य शोध संस्थान को दी गई है। साथ ही राजेंद्र केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा तथा एनआरसी मखाना दरभंगा को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां विभिन्न राज्यों के प्रशिक्षकों (ट्रेनर) को मखाना मूल्य शृंखला की नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। नेशनल मखाना बोर्ड की नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में हुई पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसमें केंद्रीय मखाना विकास योजना और नेशनल मखाना बोर्ड के क्रियान्वयन की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू की गई। निर्णय लिया गया कि देश के तमाम राज्यों की बीज जरूरत का पता लगाया जाएगा। विश्वविद्यालयों और शोध संस्थनों की मदद से किसानों को मखाना का गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराया जाएगा। इस दौरान...