सिद्धार्थ, नवम्बर 27 -- सिद्धार्थनगर, हिन्दुस्तान टीम। इटवा ब्लॉक के मुड़िला गांव में बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र सोहना द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर ब्लॉक स्तरीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कृषि वैज्ञानिक डॉ.प्रदीप कुमार ने किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है,मृदा के सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि अवशेष जलाने से मृदा के पोषक तत्व जल जाते हैं,मिट्टी की सतह कठोर हो जाती है। इससे मिट्टी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। भूमि की जलधारण क्षमता पर भी प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन करने से मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ती है, सूक्ष्मजीवों की संख्या में वृद्धि होती है और जल धारण क्षमता भी बेहतर होती है। बीज...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.