एटा, फरवरी 1 -- शनिवार को आए केंद्रीय आम बजट को मध्यम और बड़े व्यापारी कारोबारियों के हित में बताया। किसानों ने इस बजट को किसान और मजदूरों के हित में नही बताया गया है। किसानों का मानना है कि सरकारी दलहन, तिलहन को ही बढ़ावा दे रही है, लेकिन किसानों को कर्जे में दबाती जा रही है, जो कि पूर्ण रुप से किसान हित में नहीं है। किसानों को मामना है कि सरकार को बजट के माध्यम से किसानों के कर्जे की भरपाई करनी थी। हमारा संगठन लंबें समय से केसीसी की सीमा बढ़ाने की मांग कर रहा था। इसमें दस लाख रुपये की लिमिट की मांग की थी। सरकार ने पांच लाख रुपये तक किया है यह भी ठीक है। इसके अलावा पूरे बजट में किसानों के लिए कुछ नहीं किया। पशुपालन करने वाले किसानों को काफी उम्मीदें थी। डेयरी उद्योग को बढ़ावा देने से किसानों को लाभ मिलता। यह बजट किसानों के समझ से परेय है...
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