बरेली, अक्टूबर 27 -- बरेली जिले में किसानों की मेहनत और नवाचार का नया अध्याय लिखा जा रहा है। परंपरागत खेती से हटकर औषधीय फसलों की ओर रुख करने वाले किसान अब ऊसर जमीन से भी सोना उगा रहे हैं। इन किसानों ने न सिर्फ अपनी आमदनी कई गुना बढ़ाई, बल्कि गांव के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खोले। खास बात यह है कि इस खेती में न तो कीटों का डर है और न ही जानवरों से नुकसान का खतरा। मीरगंज और बहेड़ी तहसील के किसानों ने सतावर की खेती को आजीविका का मजबूत जरिया बना लिया है। पांच साल पहले महज चार किसानों से शुरू होकर यह संख्या अब 410 किसानों तक पहुंच चुकी है। दोनों तहसीलों के 57 गांवों में सतावर अब किसानों की आमदनी का प्रमुख जरिया बन गई है। औषधीय गुणों से भरपूर यह पौधा किसानों के लिए आमदनी का मजबूत स्रोत बन चुका है। दरअसल, पांच साल पहले मीरगंज तहसील के ...