मुजफ्फरपुर, जून 21 -- मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। प्रखंडों में बने ई-किसान भवन किसानों के लिए महज शोभा बन कर रह गए हैं। इन्हें किसान सलाहकार केंद्र के तौर पर विकसित करना था। मौसम की जानकारी दे किसानों को उसके अनुसार खेती के लिए प्रोत्साहित करना भी था। विभागीय उदासीनता से इन भवनों को ना हाईटेक बनाया जा सका और ना ही इंटरनेट की सुविधा बहाल की जा सकी। किसानों को निजी तौर पर संचालित साइबर कैफे की शरण लेनी पड़ रही है। सुविधाओं का विस्तार नहीं होने से इन भवनों की उपयोगिता केवल विभागीय बैठक के अलावा कृषि सलाहकारों को प्रशिक्षण देने तक ही सीमित हो चुकी है। कभी-कभार कृषि सलाहकार विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए बीजों के वितरण के लिए इनका उपयोग करते हैं। प्रगतिशील किसान एसके दूबे कहते हैं कि सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर उतरने के पहले ही दम तो...
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