हमीरपुर, नवम्बर 11 -- 0 गांवों में ई-रिक्शा व छोटे वाहनों के आने से घटा रुझान फोटो- 13- कस्बा कुरारा में बैलगाड़ी लेकर आई महिला। कुरारा, संवाददाता। विकासक्षेत्र में प्राचीन वाहन बैल गाड़ी का चलन लगभग समापन की तरफ पहुंच गया है। आधुनिक वाहनों की चकाचौंध में बैल गाड़ी की सवारी यदा कदा दिखाई देती है। बीहड़ वाले गांवों में भी ई-रिक्शा ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। ग्रामीण अब इस वाहन से लोग दूरी तक का सफर तय करते हैं। पूर्व में ग्रामीण क्षेत्रों में किसान कृषि कार्य के लिए बैलों की जोड़ी रखा करते थे। इसके साथ ही आवागमन व अनाज सहित अन्य सामान इधर से उधर ले जाने के लिए बैलगाड़ी का प्रयोग करते थे। इतना ही नहीं पूर्व में बारातें भी बैलगाड़ी से निकलती थी। मगर समय के साथ कृषि कार्य में मशीनरी युग का प्रवेश हुआ और अब खेतों की जुताई, फसल की कतराई सहित अन्य...
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