रामपुर, अप्रैल 30 -- गन्ना की खेती करने के बाद भी किसानों के हाथ खाली हैं। इसका प्रमुख कारण चीनी मिलों की बकायेदारी है। राणा चीनी मिल अभी भी किसानों का 31.40 करोड़ दबाए बैठी है। भुगतान न होने की स्थिति में किसान रुपयों के अभाव में उधार की जिंदगी जी रहे हैं। पेराई सत्र 2024-25 में किसानों ने चीनी मिलों को कुल 116.24 लाख कुंतल गन्ने की आपूर्ति की। करीब 423.62 करोड़ रुपये गन्ना मूल्य में 392.22 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। रुद्र बिलास सहकारी चीनी मिल और त्रिवेणी चीनी मिल ने किसानों को पूरा गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है। मगर राणा चीनी मिल गन्ना किसानों का भुगतान करने में देरी कर रही है। इस चीनी मिल पर अभी भी 31.40 करोड़ रुपये बाकी है। बकाया भुगतान न करने की स्थिति में चीनी मिल डिफाल्टर साबित हो रही है। गन्ना बेचने के बाद भी किसान खाली ...